क़रीब रह कि भी तू मुझ से दूर दूर रहा By Sher << लम्हों के तार खींचता रहता... पत्थर ताने लोग खड़े हैं >> क़रीब रह कि भी तू मुझ से दूर दूर रहा ये और बात कि बरसों से तेरे पास हूँ मैं Share on: