करता हूँ एक ख़्वाब के मुबहम नुक़ूश याद By Sher << इश्क़ को जब हुस्न से नज़र... दश्त-ए-जुनूँ की ख़ाक उड़ा... >> करता हूँ एक ख़्वाब के मुबहम नुक़ूश याद जब से खुली है आँख इसी मश्ग़ले में हूँ Share on: