काश मैं पर्दे का शिकवा ही न करता उन से By Sher << शम्अ पर ख़ून का इल्ज़ाम ह... काम अज़-बस-कि ज़माने का ह... >> काश मैं पर्दे का शिकवा ही न करता उन से बे-हिजाबी ने किया और भी बेताब मुझे Share on: