क़ासिद नहीं ये काम तिरा अपनी राह ले By क़ासिद, दिल, Sher << क़त्ल से मेरे वो जो बाज़ ... ने गुल को है सबात न हम को... >> क़ासिद नहीं ये काम तिरा अपनी राह ले उस का पयाम दिल के सिवा कौन ला सके Share on: