काँटे तो ख़ैर काँटे हैं इस का गिला ही क्या By Sher << मरना तो बहुत सहल सी इक बा... मर्ग ही सेहत है उस की मर्... >> काँटे तो ख़ैर काँटे हैं इस का गिला ही क्या फूलों की वारदात से घबरा के पी गया Share on: