क़ातिल की सारी साज़िशें नाकाम ही रहीं By Sher << दिलों से दर्द दुआ से असर ... दिल लेने के अंदाज़ भी कुछ... >> क़ातिल की सारी साज़िशें नाकाम ही रहीं चेहरा कुछ और खिल उठा ज़हराब गर पिया Share on: