क़ातिल ने अदा का किया जब वार उछल कर By Sher << शाएर को मस्त करती है तारी... वो मेरे लम्स से महताब बन ... >> क़ातिल ने अदा का किया जब वार उछल कर मैं ने सिपर-ए-दिल कूँ किया ओट सँभल कर Share on: