कौन कहता है कि फिर ख़ाक से उठते हैं शहीद By Sher << ठिकाना पूछते हैं सब तुम्ह... ताब लाए ही बनेगी 'ग़ा... >> कौन कहता है कि फिर ख़ाक से उठते हैं शहीद सर उठा सकते हैं मारे तिरी तलवारों के Share on: