ख़ाक कर देवे जला कर पहले फिर टिसवे बहाए By Sher << राहत-ए-बे-खलिश अगर मिल भी... मेरी रुस्वाई में वो भी है... >> ख़ाक कर देवे जला कर पहले फिर टिसवे बहाए शम्अ मज्लिस में बड़ी दिल-सोज़ परवाने की है Share on: