ख़फ़ा देखा है उस को ख़्वाब में दिल सख़्त मुज़्तर है By Sher << कम से कम मौत से ऐसी मुझे ... ये तर्ज़-ए-ख़ास है कोई कह... >> ख़फ़ा देखा है उस को ख़्वाब में दिल सख़्त मुज़्तर है खिला दे देखिए क्या क्या गुल-ए-ताबीर-ए-ख़्वाब अपना Share on: