ख़फ़ा हो गालियाँ दो चाहे आने दो न आने दो By Sher << ख़रीदारी-ए-जिंस-ए-हुस्न प... करो तुम मुझ से बातें और म... >> ख़फ़ा हो गालियाँ दो चाहे आने दो न आने दो मैं बोसे लूँगा सोते में मुझे लपका है चोरी का Share on: