ख़ला में तैरते फिरते हैं हाथ पकड़े हुए By Sher << मेरी आँखों ही में थे अन-क... कोई सूरत भी नहीं मिलती कि... >> ख़ला में तैरते फिरते हैं हाथ पकड़े हुए ज़मीं की एक सदी एक साल सूरज का Share on: