ख़ाल-ए-लब आफ़त-ए-जाँ था मुझे मालूम न था By Sher << दिल वो सहरा है कि जिस में... किस दर्द से रौशन है सियह-... >> ख़ाल-ए-लब आफ़त-ए-जाँ था मुझे मालूम न था दाम दाने में निहाँ था मुझे मालूम न था Share on: