ख़लिश-ए-तीर-ए-बे-पनाह गई By Sher << ख़ामुशी से हुई फ़ुग़ाँ से... कटता कहाँ तवील था रातों क... >> ख़लिश-ए-तीर-ए-बे-पनाह गई लीजिए उन से रस्म-ओ-राह गई Share on: