ख़ाल-ओ-आरिज़ का तसव्वुर है हमारे दिल में By Sher << 'मीर' के मानिंद अ... कटते किसी तरह से नहीं हाए... >> ख़ाल-ओ-आरिज़ का तसव्वुर है हमारे दिल में एक हिन्दू भी है काबे में मुसलमान के साथ Share on: