ख़ाल-ओ-ख़त से ऐब उस के रू-ए-अक़्दस को नहीं By Sher << रिंद-ए-ख़राब-नोश की बे-अद... तुम से छुट कर भी तुम्हें ... >> ख़ाल-ओ-ख़त से ऐब उस के रू-ए-अक़्दस को नहीं हुस्न है मुसहफ़ में होना नुक़्ता-ए-ए'राब का Share on: