ख़ामोश सही मरकज़ी किरदार तो हम थे By Sher << रिंदों को वाज़ पंद न कर फ... अभी आग़ाज़-ए-मोहब्बत है क... >> ख़ामोश सही मरकज़ी किरदार तो हम थे फिर कैसे भला तेरी कहानी से निकलते Share on: