ख़मोशी झाँकती है खिड़कियों से By Sher << हँस हँस के उस से बातें कि... हो जाए जहाँ शाम वहीं उन क... >> ख़मोशी झाँकती है खिड़कियों से गली में शोर सा फैला हुआ है Share on: