ख़ंदा-ए-मौज मिरी तिश्ना-लबी ने जाना By Sher << गए थे हज़रत-ए-ज़ाहिद तो ज... गुज़रे हैं मय-कदे से जो त... >> ख़ंदा-ए-मौज मिरी तिश्ना-लबी ने जाना रेत का तपता हुआ देख के ज़र्रा कोई Share on: