ख़ून-ए-जिगर आँखों से बहाया ग़म का सहरा पार किया By Sher << लोग समझे अपनी सच्चाई की ख... किस से करूँ मैं अपनी तबाह... >> ख़ून-ए-जिगर आँखों से बहाया ग़म का सहरा पार किया तेरी तमन्ना की क्या हम ने जीवन को आज़ार किया Share on: