ख़ंजर न कमर में है न तलवार रखे है By Sher << मोहतसिब आओ चलें आज तो मय-... आईने से मुझ दल के तहय्युर... >> ख़ंजर न कमर में है न तलवार रखे है आँखों ही में चाहे है जिसे मार रखे है Share on: