ख़त-नवेसी ये है तो मुश्ताक़ो By Sher << जिस लब के ग़ैर बोसे लें उ... सिर्फ़ तारीख़ की रफ़्तार ... >> ख़त-नवेसी ये है तो मुश्ताक़ो हाथ इक दिन क़लम तुम्हारे हैं Share on: