ख़तों को खोलती दीमक का शुक्रिया वर्ना By Sher << नया साल दीवार पर टाँग दे दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्ख... >> ख़तों को खोलती दीमक का शुक्रिया वर्ना तड़प रही थी लिफ़ाफ़ों में बे-ज़बानी पड़ी Share on: