ख़ुद पे ये ज़ुल्म गवारा नहीं होगा हम से By Sher << ऐसी प्यारी शाम में जी बहल... अगर नाकाम होना है >> ख़ुद पे ये ज़ुल्म गवारा नहीं होगा हम से हम तो शो'लों से न गुज़़रेंगे न सीता समझें Share on: