ख़ुद-परस्ती ख़ुदा न बन जाए By Sher << लबों पर तबस्सुम तो आँखों ... हिम्मत वाले पल में बदल दे... >> ख़ुद-परस्ती ख़ुदा न बन जाए एहतियातन गुनाह करता हूँ Share on: