ख़ुद-शनासी थी जुस्तुजू तेरी By Sher << इबादत ख़ुदा की ब-उम्मीद-ए... मालूम नहीं नींद किसे कहते... >> ख़ुद-शनासी थी जुस्तुजू तेरी तुझ को ढूँडा तो आप को पाया Share on: