ख़ूँ हुआ दिल कि पशीमान-ए-सदाक़त है वफ़ा By Sher << कुछ अब के हम भी कहें उस क... खुला ये दिल पे कि तामीर-ए... >> ख़ूँ हुआ दिल कि पशीमान-ए-सदाक़त है वफ़ा ख़ुश हुआ जी कि चलो आज तुम्हारे हुए लोग Share on: