ख़ुशी के दौर तो मेहमाँ थे आते जाते रहे By Sher << किसी के नर्म लहजे का क़री... जो डुबोएगी न पहुँचाएगी सा... >> ख़ुशी के दौर तो मेहमाँ थे आते जाते रहे उदासी थी कि हमेशा हमारे घर में रही Share on: