ख़्वाब-गह में सियाह ख़ुशबू था By Sher << ज़रा सी बात नहीं है किसी ... मेरी आँखें और दीदार आप का >> ख़्वाब-गह में सियाह ख़ुशबू था इत्तिफ़ाक़न चराग़ भी गुल था Share on: