ख़्वाबों की तरह आना ख़ुशबू की तरह जाना By Sher << किया था ज़ुल्म तो गुलचीं ... इन से ज़िंदा है ये एहसास ... >> ख़्वाबों की तरह आना ख़ुशबू की तरह जाना मुमकिन ही नहीं लगता ऐ दोस्त तुझे पाना Share on: