खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफ़अतन By Sher << ख़िरद का नाम जुनूँ पड़ गय... ख़ंदा-ए-अहल-ए-जहाँ की मुझ... >> खींच लेना वो मिरा पर्दे का कोना दफ़अतन और दुपट्टे से तिरा वो मुँह छुपाना याद है Share on: