ख़ूबसूरत है वही जिस पे ज़माना रीझे By Sher << कोई कहता था समुंदर हूँ मै... बहुत ग़ुरूर है दरिया को अ... >> ख़ूबसूरत है वही जिस पे ज़माना रीझे यूँ तो हर एक को है अपनी ही सूरत अच्छी Share on: