खुल गया अब ये कि वस्ल उस का ख़याल-ए-ख़ाम है By Sher << दूर तक फ़ज़ाओं में लिया जो उस की निगाहों ने ... >> खुल गया अब ये कि वस्ल उस का ख़याल-ए-ख़ाम है आज उम्मीदों का दिल ही दिल में क़त्ल-ए-आम है Share on: