खुले असरार उस पर जिस्म के आहिस्ता आहिस्ता By Sher << जब से तेरी नज़र पड़ी है झ... शोख़ी से हर शगूफ़े के टुक... >> खुले असरार उस पर जिस्म के आहिस्ता आहिस्ता बहुत दिन में उसे बातें न करने का हुनर आया Share on: