खुलेगा किस तरह मज़मूँ मिरे मक्तूब का या रब By Sher << उम्र जितनी भी कटी उस के भ... उठते जोबन पे खिल पड़े गेस... >> खुलेगा किस तरह मज़मूँ मिरे मक्तूब का या रब क़सम खाई है उस काफ़िर ने काग़ज़ के जलाने की Share on: