खुली फ़ज़ा में अगर लड़खड़ा के चल न सकें By Sher << जब तक कि गरेबान में यक ता... सुना है 'रियाज़' ... >> खुली फ़ज़ा में अगर लड़खड़ा के चल न सकें तो ज़हर पीना है बेहतर शराब पीने से Share on: