हम तेरी तबीअत को 'ख़ुर्शीद' नहीं समझे By Sher << इस ए'तिराफ़ से रस घुल... हम कि अपनी राह का पत्थर स... >> हम तेरी तबीअत को 'ख़ुर्शीद' नहीं समझे पत्थर नज़र आता था रोया तो बहुत रोया Share on: