किसी ने मेरी तरफ़ देखना न था 'ख़ुर्शीद' By Sher << कोई नहीं जो मिटाए मिरी सि... किसी ख़याल किसी ख़्वाब के... >> किसी ने मेरी तरफ़ देखना न था 'ख़ुर्शीद' तो बे-सबब ही सँवारा गया था क्यूँ मुझ को Share on: