ख़ुशबू की तरह शब को मचलता था गुल-बदन By Sher << हम ठहरे रहेंगे किसी ताबीर... जीने वालों से कहो कोई तमन... >> ख़ुशबू की तरह शब को मचलता था गुल-बदन बिस्तर से चुन रहा हूँ मैं टूटे हुए बटन Share on: