'दर्द' के मिलने से ऐ यार बुरा क्यूँ माना By दीदार, Sher << 'दर्द' कुछ मालूम ... बावजूदे कि पर-ओ-बाल न थे ... >> 'दर्द' के मिलने से ऐ यार बुरा क्यूँ माना उस को कुछ और सिवा दीद के मंज़ूर न था Share on: