की मोहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया By Sher << था बड़ा मअरका मोहब्बत का कशिश ने इश्क़ की क्या काम... >> की मोहब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया हम अगर इश्क़ न करते तो हुकूमत करते Share on: