किधर से बर्क़ चमकती है देखें ऐ वाइज़ By Sher << समझ में साफ़ आ जाए फ़साहत... इन दिनों सब को हुआ है साफ... >> किधर से बर्क़ चमकती है देखें ऐ वाइज़ मैं अपना जाम उठाता हूँ तू किताब उठा where does lightening strike, priest, let us look i will raise my glass you raise your holy book Share on: