किन शहीदों के लहू के ये फ़रोज़ाँ हैं चराग़ By Sher << आवाज़ों से जिस्म हुआ नम बात करने की शब-ए-वस्ल इजा... >> किन शहीदों के लहू के ये फ़रोज़ाँ हैं चराग़ रौशनी सी जो है ज़िंदाँ के हर इक रौज़न में Share on: