किस जुर्म-ए-आरज़ू की सज़ा है ये ज़िंदगी By Sher << चटपटी दिल की बुझी यार के ... उम्र भर मिलने नहीं देती ह... >> किस जुर्म-ए-आरज़ू की सज़ा है ये ज़िंदगी ऐसा तो ऐ ख़ुदा मैं गुनहगार भी नहीं Share on: