किस तरह उजड़े सुलगती हुई यादों के दिए By Sher << छूते ही आशाएँ बिखरीं जैसे... बाम-ओ-दर की रौशनी फिर क्य... >> किस तरह उजड़े सुलगती हुई यादों के दिए हमदमो दिल के क़रीब आओ रुको और सुनो Share on: