किसे ख़बर कि गुहर कैसे हाथ आते हैं By Sher << किसी से मुझ को गिला क्या ... ख़्वाहिशें ख़ून में उतरी ... >> किसे ख़बर कि गुहर कैसे हाथ आते हैं समुंदरों से भी गहरी है ख़ामुशी मेरी Share on: