किसी का अहद-ए-जवानी में पारसा होना By Sher << कोई आया तिरी झलक देखी कश्ती-ए-मय को हुक्म-ए-रवा... >> किसी का अहद-ए-जवानी में पारसा होना क़सम ख़ुदा की ये तौहीन है जवानी की Share on: