किसी का कोई मर जाए हमारे घर में मातम है By Sher << बहरा हूँ मैं तो चाहिए दून... वक़्त की गर्दिशों का ग़म ... >> किसी का कोई मर जाए हमारे घर में मातम है ग़रज़ बारह महीने तीस दिन हम को मोहर्रम है Share on: