किसी को क्या मिरे सूद ओ ज़ियाँ से By Sher << है भी कुछ या नहीं मैं हाथ... मैं ने कहा कि देख ये मैं ... >> किसी को क्या मिरे सूद ओ ज़ियाँ से गिरे क्यूँ बर्क़ बच कर आशियाँ से Share on: