किसी ने फिर से लगाई सदा उदासी की By उदासी, उदासी, Sher << कहते हैं आज 'ज़ौक़... कहते हैं वो जो है 'सौ... >> किसी ने फिर से लगाई सदा उदासी की पलट के आने लगी है फ़ज़ा उदासी की Share on: